Astro pujaa rai | Festivals
7/23/2024, 5:30:00 AM
सावन का महीना हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह माह भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान शिवभक्त व्रत, पूजा और विभिन्न धार्मिक क्रियाओं का पालन करते हैं। सावन के महीने में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है ताकि भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो सके और सभी मनोकामनाएँ पूर्ण हो सकें। इस लेख में हम जानेंगे कि सावन के महीने में क्या करें और क्या न करें।
शिवलिंग पर जल चढ़ाएं: प्रतिदिन प्रातःकाल स्नान करके शिवलिंग पर स्वच्छ जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाएं। भगवान शिव को जल अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
मंत्र जाप: "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें और शिव चालीसा का पाठ करें। मंत्र जाप से मन को शांति मिलती है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
रुद्राभिषेक: रुद्राभिषेक का आयोजन करें और भगवान शिव की आराधना करें। रुद्राभिषेक से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
सोमवार व्रत: सावन के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखें। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। सोमवार का व्रत भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है।
उपवास: फलाहार का सेवन करें और सात्विक भोजन करें। व्रत के दौरान तामसिक भोजन से बचें। सात्विक आहार से शरीर और मन दोनों पवित्र रहते हैं।
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दान: जरुरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। दान करना हर धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है।
गौ सेवा: गाय की सेवा करें और उसे हरा चारा खिलाएं। गाय की सेवा से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में समृद्धि आती है।
घर की सफाई: अपने घर और पूजा स्थल की सफाई रखें। स्वच्छ वातावरण में पूजा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। स्वच्छता से मन भी पवित्र रहता है।
स्वच्छ वस्त्र धारण करें: प्रतिदिन स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा करें। स्वच्छ वस्त्र धारण करने से पूजा का महत्व बढ़ता है।
मंदिर दर्शन: नियमित रूप से शिव मंदिर जाएं और भगवान शिव के दर्शन करें। मंदिर में जाकर पूजा करने से मन की शांति प्राप्त होती है और भगवान शिव की कृपा बनी रहती है।
भजन गाएं: भगवान शिव के भजन और स्तुति गाएं। भजन गाने से मन को शांति और प्रसन्नता मिलती है।
कीर्तन करें: भगवान शिव के नाम का कीर्तन करें। कीर्तन से वातावरण पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है।
ध्यान करें: प्रतिदिन सुबह और शाम भगवान शिव का ध्यान करें। ध्यान से मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है।
योग का अभ्यास करें: योग और प्राणायाम का नियमित अभ्यास करें। इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
मांसाहार और मदिरा का सेवन न करें: सावन के महीने में मांसाहार और मदिरा का सेवन वर्जित माना जाता है। इससे भगवान शिव अप्रसन्न होते हैं।
प्याज और लहसुन का सेवन न करें: तामसिक भोजन जैसे प्याज और लहसुन का सेवन न करें। सात्विक भोजन का पालन करें।
क्रोध और द्वेष से बचें: सावन के महीने में क्रोध, द्वेष और नकारात्मक विचारों से बचें। शांत और संयमित रहें।
झूठ और छल-कपट न करें: सत्य बोलें और किसी भी प्रकार के छल-कपट से बचें। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
हिंसा और बुरे कर्म न करें: हिंसा, चोरी और अन्य बुरे कर्मों से दूर रहें। सात्विक और धर्मिक जीवन जीएं।
व्यसन से बचें: धूम्रपान और अन्य व्यसनों से दूर रहें। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
तुलसी के पत्ते: शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए। यह भगवान शिव को अप्रसन्न करता है।
केतकी के फूल: केतकी के फूल भी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाने चाहिए। इससे पूजा अधूरी मानी जाती है।
अशुद्ध वस्त्र धारण न करें: अशुद्ध वस्त्रों से पूजा न करें। स्वच्छ और पवित्र वस्त्रों का ही उपयोग करें।
अशुद्ध स्थान पर पूजा न करें: अशुद्ध और गंदे स्थान पर पूजा न करें। पूजा स्थल को स्वच्छ और पवित्र रखें।
सत्यनारायण की कथा न करें: सावन के महीने में सत्यनारायण की कथा का आयोजन नहीं करना चाहिए। यह व्रत और कथा अन्य महीनों में ही किया जाना चाहिए।
शिवलिंग का अपमान न करें: शिवलिंग को अपवित्र न करें और न ही उसके प्रति अनादर दिखाएं। शिवलिंग का सम्मान करें और उसकी पूजा विधिपूर्वक करें।
महिमा और कथाएँ सुनें: शिव पुराण में भगवान शिव की महिमा और विभिन्न कथाएँ वर्णित हैं। इन कथाओं का पाठ और श्रवण करें। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
शिव पुराण का अध्ययन: शिव पुराण का अध्ययन करें और उसमें वर्णित नियमों का पालन करें।
स्नेह और सौहार्द: परिवार और समाज में स्नेह और सौहार्द बनाए रखें। विवादों से दूर रहें और सबके साथ मिलजुल कर रहें।
सहयोग और सेवा: दूसरों की सहायता करें और सेवा भाव से काम करें। सेवा भाव से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
शिवभक्तों का सम्मान: शिवभक्तों का सम्मान करें और उन्हें सहयोग दें। शिवभक्तों के प्रति सम्मान प्रकट करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
साधु-संतों का आदर: साधु-संतों का आदर करें और उनकी सेवा करें। साधु-संतों का आशीर्वाद प्राप्त करें।
सत्संग में भाग लें: सत्संग में भाग लें और धार्मिक प्रवचनों का श्रवण करें। सत्संग से मन को शांति और प्रसन्नता मिलती है।
ध्यान और साधना: ध्यान और साधना का अभ्यास करें। इससे मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है।
सावन का महीना भगवान शिव की आराधना और भक्ति का विशेष समय होता है। इस दौरान सही विधि और नियमों का पालन करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। सावन के महीने में इन विशेष टिप्स और सावधानियों का ध्यान रखें और भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर अपने जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भरपूर बनाएं।
जय भोलेनाथ!